. बांझ और पुत्रहीन कुलहीन अर्थात् जिसके कुल में कोई पुरूष न रहा हो पतिव्रता स्त्री अर्थात् पति के परदेशगमन आदि कारण से जो स्त्री अकेली हो विधवा और रोगिणी स्त्रियों की सम्पति की रक्षा भी इसी प्रकार अर्थात् उनके समर्थ हो जाने तक करनी चाहिए ।
. बांझ और पुत्रहीन कुलहीन अर्थात् जिसके कुल में कोई पुरूष न रहा हो पतिव्रता स्त्री अर्थात् पति के परदेशगमन आदि कारण से जो स्त्री अकेली हो विधवा और रोगिणी स्त्रियों की सम्पति की रक्षा भी इसी प्रकार अर्थात् उनके समर्थ हो जाने तक करनी चाहिए ।