Adhyay : 8 Mantra : 266 Back to listings एषोऽखिलेनाभिहितो धर्मः सीमाविनिर्णये । अत ऊर्ध्वं प्रवक्ष्यामि वाक्पारुष्यविनिर्णयम् Leave a comment यह सीमा के निर्णय करने के विषय में न्यायविधान पूर्णरूप से कहा । इसके बाद अब कठोर और दुष्टवचन बोलने पर निर्णय को कहूंगा Related