एषोऽखिलेनाभिहितो धर्मः सीमाविनिर्णये । अत ऊर्ध्वं प्रवक्ष्यामि वाक्पारुष्यविनिर्णयम्

यह सीमा के निर्णय करने के विषय में न्यायविधान पूर्णरूप से कहा ।

इसके बाद अब कठोर और दुष्टवचन बोलने पर निर्णय को कहूंगा

 

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