Adhyay : 8 Mantra : 260 Back to listings व्याधाञ् शाकुनिकान्गोपान्कैवर्तान्मूलखानकान् । व्यालग्राहानुञ्छवृत्तीनन्यांश्च वनचारिणः । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related