ते पृष्टास्तु यथा ब्रूयुः सीमासंधिषु लक्षणम् । तत्तथा स्थापयेद्राजा धर्मेण ग्रामयोर्द्वयोः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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