Adhyay : 8 Mantra : 118 Back to listings लोभान्मोहाद्भयान्मैत्रात्कामात्क्रोधात्तथैव च । अज्ञानाद्बालभावाच्च साक्ष्यं वितथं उच्यते । Leave a comment . जो लोभ, मोह, भय, मित्रता, काम, क्रोध, अज्ञान और बालकपन से साक्षी देवे वह सब मिथ्या समझी जावे । (स० प्र० षष्ठ समु०) Related