यस्मिन्यस्मिन्विवादे तु कौटसाक्ष्यं कृतं भवेत् । तत्तत्कार्यं निवर्तेत कृतं चाप्यकृतं भवेत्

जिस – जिस मुकद्दमे में यह पता लगे कि झूठी या गलत साक्षी हुई है उस – उस निर्णय को रद्द करके पुनः विचार करे, क्यों कि वह किया हुआ काम भी न किये के समान है ।

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