Adhyay : 8 Mantra : 110 Back to listings महर्षिभिश्च देवैश्च कार्यार्थं शपथाः कृताः । वसिष्ठश्चापि शपथं शेपे पैजवने नृपे । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related