असाक्षिकेषु त्वर्थेषु मिथो विवादमानयोः । अविन्दंस्तत्त्वतः सत्यं शपथेनापि लम्भयेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *