Adhyay : 8 Mantra : 10 Back to listings सोऽस्य कार्याणि संपश्येत्सभ्यैरेव त्रिभिर्वृतः । सभां एव प्रविश्याग्र्यां आसीनः स्थित एव वा । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related