वेनो विनष्टोऽविनयान्नहुषश्चैव पार्थिवः । सुदाः पैजवनश्चैव सुमुखो निमिरेव च ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *