Adhyay : 7 Mantra : 42 Back to listings पृथुस्तु विनयाद्राज्यं प्राप्तवान्मनुरेव च । कुबेरश्च धनैश्वर्यं ब्राह्मण्यं चैव गाधिजः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related