Adhyay : 7 Mantra : 223 Back to listings संध्यां चोपास्य शृणुयादन्तर्वेश्मनि शस्त्रभृत् । रहस्याख्यायिनां चैव प्रणिधीनां च चेष्टितम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related