अलंकृतश्च संपश्येदायुधीयं पुनर्जनम् । वाहनानि च सर्वाणि शस्त्राण्याभरणानि च ।

और फिर कवच शास्त्रास्त्रों एवं राजचिन्हों से सुसज्जित होकर शस्त्रधारी सैनिकों और रथ, हाथी – थोड़े आदि वाहनों सब प्रकार के अस्त्र – शस्त्रों और उनकी सजावटों अर्थात् सम्भाल आदि का निरीक्षण करे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *