Adhyay : 7 Mantra : 205 Back to listings सर्वं कर्मेदं आयत्तं विधाने दैवमानुषे । तयोर्दैवं अचिन्त्यं तु मानुषे विद्यते क्रिया । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related