जैसा परम विद्वान् ब्राह्मण होता है वैसा विद्वान् सुशिक्षित होकर क्षत्रिय को योग्य है कि इस सब राज्य की रक्षा न्याय से यथावत् करे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
पूर्ण विधि के अनुसार अर्थात् उपनयन में दीक्षित होकर समावर्तनकाल तक ब्रह्मचर्य पालन करते हुए……
जैसा परम विद्वान् ब्राह्मण होता है वैसा विद्वान् सुशिक्षित होकर क्षत्रिय को योग्य है कि इस सब राज्य की रक्षा न्याय से यथावत् करे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
पूर्ण विधि के अनुसार अर्थात् उपनयन में दीक्षित होकर समावर्तनकाल तक ब्रह्मचर्य पालन करते हुए……