किसी समय उचित समझे तो शत्रु को चारों ओर से घेरकर रोक रखे और इसके राज्य को पीडि़त कर शत्रु के चारा, अन्न, जल और इन्धन को नष्ट दूषित कर दे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
किसी समय उचित समझे तो शत्रु को चारों ओर से घेरकर रोक रखे और इसके राज्य को पीडि़त कर शत्रु के चारा, अन्न, जल और इन्धन को नष्ट दूषित कर दे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)