Adhyay : 7 Mantra : 196 Back to listings भिन्द्याच्चैव तडागानि प्राकारपरिखास्तथा । समवस्कन्दयेच्चैनं रात्रौ वित्रासयेत्तथा । Leave a comment शत्रु के तालाब नगर के प्रकोट और खाई को तोड़ – फोड़दे रात्रि में उनको भय देवे और जीतने का उपाय करे । (स० प्र० षष्ठ समु०) Related