जिधर भय विदित हो उसी ओर सेना की फैलावे सब सेना के पतियों को चारों ओर रख के पद्याव्यूह अर्थात् पद्याकार चारों ओर से सेनाओं को रख के मध्य में आप रहे ।
जिधर भय विदित हो उसी ओर सेना की फैलावे सब सेना के पतियों को चारों ओर रख के पद्याव्यूह अर्थात् पद्याकार चारों ओर से सेनाओं को रख के मध्य में आप रहे ।