यदा तु स्यात्परिक्षीणो वाहनेन बलेन च । तदासीत प्रयत्नेन शनकैः सान्त्वयन्नरीन् ।

. जब सेना, बल, वाहन से क्षीण हो जाये तब शत्रुओं को धीरे – धीरे प्रयत्न से शान्त करता हुआ अपने स्थान में बैठा रहे ।

(स० प्र० षष्ठ समु०)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *