Adhyay : 7 Mantra : 173 Back to listings मन्येतारिं यदा राजा सर्वथा बलवत्तरम् । तदा द्विधा बलं कृत्वा साधयेत्कार्यं आत्मनः । Leave a comment जब राजा शत्रु को अत्यन्त बलवान् जाने तब द्विगुणा वा दो प्रकार की सेना करके अपना कार्य सिद्ध करे । (स० प्र० षष्ठ समु०) Related