तस्य सर्वाणि भूतानि स्थावराणि चराणि च । भयाद्भोगाय कल्पन्ते स्वधर्मान्न चलन्ति च

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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