गुरोः प्रेतस्य शिष्यस्तु पितृमेधं समाचरन् । प्रेतहारैः समं तत्र दशरात्रेण शुध्यति

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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