अह्ना चैकेन रात्र्या च त्रिरात्रैरेव च त्रिभिः । शवस्पृशो विशुध्यन्ति त्र्यहादुदकदायिनः ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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