दन्तजातेऽनुजाते च कृतचूडे च संस्थिते । अशुद्धा बान्धवाः सर्वे सूतके च तथोच्यते

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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