Adhyay : 5 Mantra : 3 Back to listings स तानुवाच धर्मात्मा महर्षीन्मानवो भृगुः । श्रूयतां येन दोषेण मृत्युर्विप्रान्जिघांसति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related