एवं यथोक्तं विप्राणां स्वधर्मं अनुतिष्ठताम् । कथं मृत्युः प्रभवति वेदशास्त्रविदां प्रभो

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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