Adhyay : 5 Mantra : 125 Back to listings पक्षिजग्धं गवा घ्रातं अवधूतं अवक्षुतम् । दूषितं केशकीटैश्च मृत्प्रक्षेपेण शुध्यति । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related