संमार्जनोपाञ्जनेन सेकेनोल्लेखनेन च । गवां च परिवासेन भूमिः शुध्यति पञ्चभिः

बुहारना, लीपना, छिड़काव करना या धोना, खुरचना और गौओं का निवास – इन पांच कामों से भूमि शुद्ध होती है ।

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