Adhyay : 5 Mantra : 123 Back to listings मद्यैर्मूत्रैः पुरीषैर्वा ष्ठीवनैह्पूयशोणितैः । संस्पृष्टं नैव शुद्ध्येत पुनःपाकेन मृन्मयम् Leave a comment . शराब, मूत्र, मल, थूक, राद, खून इनसे लिपा हुआ मिट्टी का बर्तन फिर पकाने से भी शुद्ध नहीं होता । Related