क्रव्यादाञ् शकुनान्सर्वांस्तथा ग्रामनिवासिनः । अनिर्दिष्टांश्चैकशफांष्टिट्टिभं च विवर्जयेत् ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *