Adhyay : 5 Mantra : 12 Back to listings कलविङ्कं प्लवं हंसं चक्राह्वं ग्रामकुक्कुटम् । सारसं रज्जुवालं च दात्यूहं शुकसारिके । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related