Adhyay : 4 Mantra : 89 Back to listings संजीवनं महावीचिं तपनं संप्रतापनम् । संहातं च सकाकोलं कुड्मलं प्रतिमूर्तिकम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related