Adhyay : 4 Mantra : 87 Back to listings यो राज्ञः प्रतिगृह्णाति लुब्धस्योच्छास्त्रवर्तिनः । स पर्यायेण यातीमान्नरकानेकविंशतिम् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related