यो राज्ञः प्रतिगृह्णाति लुब्धस्योच्छास्त्रवर्तिनः । स पर्यायेण यातीमान्नरकानेकविंशतिम् । ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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