न नृत्येदथ वा गायेन्न वादित्राणि वादयेत्] । नास्फोटयेन्न च क्ष्वेडेन्न च रक्तो विरावयेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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