न कुर्वीत वृथाचेष्टां न वार्यञ्जलिना पिबेत् । नोत्सङ्गे भक्षयेद्भक्ष्यान्न जातु स्यात्कुतूहली । ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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