Adhyay : 4 Mantra : 65 Back to listings न पादौ धावयेत्कांस्ये कदा चिदपि भाजने । न भिन्नभाण्डे भुञ्जीत न भावप्रतिदूषिते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related