Adhyay : 4 Mantra : 57 Back to listings नैकः सुप्याच्छून्यगेहे न श्रेयांसं प्रबोधयेत् । नोदक्ययाभिभाषेत यज्ञं गच्छेन्न चावृतः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related