Adhyay : 4 Mantra : 58 Back to listings अग्न्यगारे गवां गोष्ठे ब्राह्मणानां च संनिधौ । स्वाध्याये भोजने चैव दक्षिनं पाणिं उद्धरेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related