भिक्षा एवं बलिवैश्वदेव का विधान –
गृहस्थी को अपने हाथ से जो पका नहीं सकते हैं, ऐसे ब्रह्मचारी, संन्यासी आदि को अन्न देना चाहिए और जिससे परिवार के भरण – पोषण में बाधा न पड़े इस प्रकार प्राणियों – असहाय, विकलांगादि मनुष्यों तथा कुत्ता, पक्षी आदि के लिये भोजन का भाग भी निकालना चाहिए ।