Adhyay : 4 Mantra : 250 Back to listings शय्यां गृहान्कुशान्गन्धानपः पुष्पं मणीन्दधि । धाना मत्स्यान्पयो मांसं शाकं चैव न निर्णुदेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related