Adhyay : 4 Mantra : 229 Back to listings वारिदस्तृप्तिं आप्नोति सुखं अक्षय्यं अन्नदः । तिलप्रदः प्रजां इष्टां दीपदश्चक्षुरुत्तमम् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related