Adhyay : 4 Mantra : 208 Back to listings भ्रूणघ्नावेक्षितं चैव संस्पृष्टं चाप्युदक्यया । पतत्रिणावलीढं च शुना संस्पृष्टं एव च । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related