नदीषु देवखातेषु तडागेषु सरःसु च । स्नानं समाचरेन्नित्यं गर्तप्रस्रवणेषु च ।

नदियों में प्राकृतिक जलाशयों में तालाबों में झरनों में और ऐसे गड्ढों में जिनका बहता पानी हो सदा स्नान करना चाहिए ।

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