Adhyay : 4 Mantra : 203 Back to listings नदीषु देवखातेषु तडागेषु सरःसु च । स्नानं समाचरेन्नित्यं गर्तप्रस्रवणेषु च । Leave a comment नदियों में प्राकृतिक जलाशयों में तालाबों में झरनों में और ऐसे गड्ढों में जिनका बहता पानी हो सदा स्नान करना चाहिए । Related