यानशय्यासनान्यस्य कूपोद्यानगृहाणि च । अदत्तान्युपयुञ्जान एनसः स्यात्तुरीयभाक्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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