Adhyay : 4 Mantra : 202 Back to listings यानशय्यासनान्यस्य कूपोद्यानगृहाणि च । अदत्तान्युपयुञ्जान एनसः स्यात्तुरीयभाक् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related