परकीयनिपानेषु न स्नायाद्धि कदा चन । निपानकर्तुः स्नात्वा तु दुष्कृतांशेन लिप्यते

दूसरों के हौज या टप में कभी नहाये क्यों कि वहां नहाकर हौज न टप वाले की गन्दगी या बीमारी से नहाने वाला लिप्त हो जाता है अर्थात् उसकी बीमारियां लग जाती हैं ।

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