Adhyay : 4 Mantra : 183 Back to listings जामयोऽप्सरसां लोके वैश्वदेवस्य बान्धवाः । संबन्धिनो ह्यपां लोके पृथिव्यां मातृमातुलौ । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related