Adhyay : 4 Mantra : 150 Back to listings सावित्राञ् शान्तिहोमांश्च कुर्यात्पर्वसु नित्यशः । पितॄंश्चैवाष्टकास्वर्चेन्नित्यं अन्वष्टकासु च । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related