रूपसत्त्वगुणोपेता धनवन्तो यशस्विनः । पर्याप्तभोगा धर्मिष्ठा जीवन्ति च शतं समाः

वे पुत्र वा कन्या सुन्दर रूप, बल – पराक्रम, शुद्ध बुद्धि आदि उत्तम गुणयुक्त बहुधन युक्त पुण्य कीत्र्तिमान् और पूर्णभोग के भोक्ता धर्मात्मा होकर सौ वर्ष तक जीते हैं ।

(सं० वि० विवाह सं०)

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