. ब्राह्म, दैव, आर्ष और प्राजापत्य इन चार विवाहों में पाणिग्रहण किये हुए स्त्री – पुरूषों से जो सन्तान उत्पन्न होते हैं वे वेदादिविद्या से तेजस्वी, आप्त पुरूषों के संगत अत्युत्तम होते हैं ।
(सं० वि० विवाह सं०
. ब्राह्म, दैव, आर्ष और प्राजापत्य इन चार विवाहों में पाणिग्रहण किये हुए स्त्री – पुरूषों से जो सन्तान उत्पन्न होते हैं वे वेदादिविद्या से तेजस्वी, आप्त पुरूषों के संगत अत्युत्तम होते हैं ।
(सं० वि० विवाह सं०