Adhyay : 3 Mantra : 38 Back to listings दैवोढाजः सुतश्चैव सप्त सप्त परावरान् । आर्षोढाजः सुतस्त्रींस्त्रीन्षट्षट्कायोढजः सुतः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related